उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। गोरखपुर में गोरखनाथ क्षेत्र स्थित नए ओवरब्रिज के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के काफिले में अचानक एक गोवंश के प्रवेश से सुरक्षा में चूक सामने आई। हालांकि मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल सतर्कता दिखाते हुए स्थिति को नियंत्रित कर लिया, जिससे कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया। शनिवार को नगर आयुक्त ने इस मामले को गंभीर लापरवाही मानते हुए नगर निगम के सुपरवाइजर अरविंद कुमार को निलंबित कर दिया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान किसी भी स्तर की चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री के आगमन के समय कुछ सेकंड की इस घटना से कार्यक्रम स्थल के आसपास तैनात पुलिस और प्रशासनिक अमले में हल्की अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता के चलते हालात पर जल्द ही काबू पा लिया गया।
प्रशासन ने साफ शब्दों में कहा है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा मामला अत्यंत संवेदनशील है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना को वीवीआईपी सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक के रूप में देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले 4 दिसंबर को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्पोर्ट्स कॉलेज से एयरपोर्ट की ओर जा रहे थे, तब असुरन क्षेत्र में उनके काफिले के वार्निंग पायलट वाहन के सामने एक बस आ गई थी। उस मामले में भी संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई थी और जांच के आदेश दिए गए थे।
महज 15 दिनों के भीतर दूसरी बार सुरक्षा में लापरवाही सामने आने से प्रशासनिक तैयारियों और रूट क्लियरेंस व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि वीवीआईपी मूवमेंट से पहले सुरक्षा इंतजामों और रूट की गहन समीक्षा और निगरानी बेहद जरूरी है।